लेखनी प्रतियोगिता -31-Mar-2022 - संदेश
कारे कारे बदरा घुमड़ रहे ,
बिजली भी चम चमके रे |
आया सावन का मौसम ,
बदरा अब तो बरसो रे |
जिया मेरा जल जल जाए ,
मीठी सी अगन जले रे |
पिया मोहे मन भाए,
बदरा अब तो बरसो रे |
सखियां सारी है घूम रही ,
बाग में झूले पड़ गए रे |
तन मन मोरा भिगोने को,
बदरा अब तो बरसो रे |
कितने सावन बीत गए ,
अश्कों से नीर बहे रे |
साजन तो परदेसी भए,
बदरा अब न बरसो रे |
पिया को कोई बतलाए ,
गए जब से छोड़ रे |
कहीं चैन हमको न आए,
बदरा अब न बरसो रे ।
संदेश भेजो सखी पिया को ,
इंतजार उनका करूँ रे |
जान मेरी निकली जाए,
बदरा अभी न बरसो रे ||
प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Shnaya
02-Apr-2022 02:17 AM
Very nice 👌
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Shrishti pandey
01-Apr-2022 09:33 PM
Very nice
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Punam verma
01-Apr-2022 08:34 AM
Very nice
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